गेम चेंजर बने चैलेंजर! भाजपा में इधर सूची उधर इस्तीफे, दो दिग्गजों और महंत महामंडलेश्वर ने छोड़ा कमल का साथ
- By Vinod --
- Thursday, 05 Sep, 2024
List of resignations here and there in BJP, two veterans and Mahant Mahamandaleshwar left Kamal
List of resignations here and there in BJP, two veterans and Mahant Mahamandaleshwar left Kamal- चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी की ओर से पहली सूची जारी करते वक्त ना सिर्फ जातिगत समिकरणों के जरिए नए चेहरों को मौका दिया है बल्कि दिग्गजों में होने वाले घमासान को रोकने की भी भरपूर कोशिश की गई है। मगर पार्टी टिकट नहीं मिलने से रुष्ट हुए नेताओं की बगावत से कैसे पार पाएगी, फिलहाल इस पर असमंजस बना हुआ है। बुधवार रात भाजपा की सूची आने के बाद पार्टी में बगावत शुरू हो गई।
कुछ हलकों से भाजपा नेताओं के नाराज होने की खबरें आ रही हैं। यही नहीं बगावत की बातें जोर पकड़ रही हैं कि भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व विधायक सुखविंद्र श्योराण और चरखी दादरी के जिला अध्यक्ष विकास उर्फ भल्ले ने कमल का साथ छोड़ दिया है। दोनों नेताओं ने पार्टी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। टिकट से वंचित कई कई दावेदारों ने भाजपा से इस्तीफा देते हुए निर्दलीय या फिर किसी अन्य दल के चुनाव चिन्ह पर लड़ने की रणनीति बनाई है तो कुछ ने समर्थकों की बैठक बुलाई है।
इधर सूची उधर इस्तीफे
दो नेताओं के इस्तीफा दिए जाने के बाद रुष्ट नेताओं को मनाने का सिलसिला शुरू हो, इससे पहले ही नाराज नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। थानेसर विधानसभा सीट से राज्यमंत्री सुभाष सुधा के स्थान पर टिकट मांग रहे पंडित जय भगवान शर्मा ने भी वीरवार सुबह दस बजे समर्थकों की अहम बैठक बुलाई है। वह कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। उकलाना में भी कुछ इसी तरह के हालात होने की सूचना है। यहां से टिकट मांग रही सीमा गैबीपुर ने पार्टी छोड़ दी है। वहीं, महंत महामंडलेश्वर दर्शन गिरी ने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने टिकट आने से पहले ही विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा को नलवा से की जगह बरवाला से टिकट की संभावना देख भाजपा के जिला सचिव महंत महामंडलेश्वर गिरी ने प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली को सभी पदों के साथ प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। भाजपा की सफीदों इकाई ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बाहरी लोगों को मैदान में उतारने से जुड़ी हार के इतिहास के बारे में पत्र लिखकर जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि टिकट से वंचित कई दावेदारों ने भाजपा से इस्तीफा देते हुए निर्दलीय या फिर किसी अन्य दल के चुनाव चिन्ह पर लड़ने की रणनीति बनाई है तो कुछ बैठकें कर अपनी नाराजगी व्यक्त करे हैं।
भाजपा ने जातिगत समीकरणों को दी तवज्जो
90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं। इनमें 13 उम्मीदवारों को पार्टी ने उम्मीदवार घोषित कर दिया है। भाजपा की इस प्रत्याशी में 9 ब्राह्मण, 8 पंजाबी, 5 वैश्य, एक सिख, एक राजपूत, दो बिश्नोई तथा 15 पिछड़ा वर्ग के चेहरों को तवज्जो दी है। 13 जाट नेताओं में ओमप्रकाश धनखड़, कैप्टन अभिमन्यु, जयप्रकाश दलाल, देवेंद्र सिंह बबली, महिपाल ढांडा, सुनील सांगवान, कमलेश ढांडा, रुति चौधरी, दीपक हुड्डा, मंजू हुड्डा, रणधीर सिंह परिवार, उमेद पातूपास व संजय कबलाना शामिल हैं। वैश्य कोटे से विपुल गोयल को छोड़ मौजूदा चार विधायकों ज्ञानचंद गुप्ता, कमल गुप्ता, घनश्याम सर्राफ, असीम गोयल के अलावा टिकट मिला है। ब्राह्मण कोटे से पार्टी ने शक्ति रानी शर्मा, रामकुमार गौतम, देवेंद्र अत्री, दिनेश कौशिक, मुकेश शर्मा, गौरव गौतम, मूलचंद शर्मा व टेकचंद शर्मा पर भरोसा जताया है। सिख चेहरे के रूप में पिहावा से सरदार कमलजीत अजराना शामिल हैं।